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नमाज़ियों के लिए तीस शुभसूचनायें क़ुरआन व हदीस के प्रकाश में

الهندية - हिन्दी

المؤلف अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह ، इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
القسم كتب وأبحاث
النوع نصي
اللغة الهندية - हिन्दी
المفردات الصلاة - فضائل العبادات
ला इलाहा इल्लल्लाह व मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह की गवाही के बाद जो सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य एक मुसलमान पर लागू होता है वह पाँच समय की नमाज़ों की पाबंदी है, नमाज़ - कुफ्र व शिर्क और मुसलमान व्यक्ति के बीच अंतर है, नमाज़ - इस्लाम और नास्तिकता के बीच फर्क़ है, नमाज़ ही के बारे में परलोक के दिन सबसे पहले प्रश्न किया जायेगा, नमाज़ ही नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन के अंतिम क्षणों की वसीयत है, इसके अतिरिक्त यह इसकी पाबंदी करनेवालों के लिए अपने अंदर बहुत सारी विशेषताएं, शुभसूचनाएं और बशारतें रखती है, जो एक मुसलमान को इस पर कार्यबद्ध रहने की प्रेरणा देती हैं। इस लेख में नमाज़ की विशेषताओं से संबंधित कुछ महान शुभसूचनायें, बशारतें प्रस्तुत की गई हैं।

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नमाज़ियों के लिए तीस शुभसूचनायें क़ुरआन व हदीस के प्रकाश में
नमाज़ियों के लिए तीस शुभसूचनायें क़ुरआन व हदीस के प्रकाश में