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عبارات مقترحة:

الرقيب

كلمة (الرقيب) في اللغة صفة مشبهة على وزن (فعيل) بمعنى (فاعل) أي:...

السميع

كلمة السميع في اللغة صيغة مبالغة على وزن (فعيل) بمعنى (فاعل) أي:...

الحافظ

الحفظُ في اللغة هو مراعاةُ الشيء، والاعتناءُ به، و(الحافظ) اسمٌ...

यज़ीद कौन? - 2

الهندية - हिन्दी

المؤلف मक़्सूदुल हसन फैज़ी ، अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
القسم دروس ومحاضرات
النوع مرئي
اللغة الهندية - हिन्दी
المفردات التراجم وسير الأعلام من أئمة الإسلام والمصلحين
मुहर्रमुल-हराम का महीना हुर्मत व अदब और प्रतिष्ठा वाला महीना है। इसी महीने की दसवीं तारीख को (आशूरा के दिन) अल्लाह तआला ने पैगंबर मूसा अलैहिस्सलाम को फिरऔन से मुक्ति प्रदान की। जिस में रोज़ा रखना मुस्तहब है, जो कि पिछले एक वर्ष के गुनाहों का कफ्फारा हो जाता है। किन्तु अधिकांश मुसलमान इस से अनभिग हैं और इस महीने की हुर्मत को भंग करते हुए इसे शोक प्रकट करने, नौहा व मातम करने और सीना पीटने...आदि का महीना बना लिया है। इस महीने का एक पहलू यह भी है कि इसी से इस्लामी वर्ष का आरंभ होता है। परंतु यह भी एक तथ्य है कि इसके प्रवेष करते ही हर साल यज़ीद, कर्बला की घटना और उसमें घटित होना वाली हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु की शहादत के बारे में चर्चा शुरू हो जाती है। जिसमें सहाबा किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम तक को निशाना बनाने, बुरा-भला कहने, धिक्कार करने में संकोच नहीं किया जाता है। राफिज़ा-शिया की तो बात ही नहीं करनी ; क्योंकि उनका तो यही धर्म है, मगर खेद की बात यह है कि बहुत से अहले सुन्नत वल जमाअत से निस्बत रखनेवाले लोग भी राफिज़ा-शिया का राग अलापते हैं और बिना, सत्यापन, जाँच-पड़ताल और छान-बीन के उन्हीं की डगर पर चलते नज़र आते हैं। प्रस्तुत व्याख्यान में यज़ीद के बार में अहले सुन्न वल जमाअत के पूर्वजों और वरिष्ठ विद्वानों के कथनों और उनके विचारों का सविस्तार उल्लेख किया गया है।